Monday, 3 June 2013

Oldest Systematic Language:: गौरवमयी देवभाषा:: संस्कृत Sanskrit




Sanskrit was considered as "Dev Bhasha", " Devavani "or the language of the Gods by ancient Indians. The word sanskrita, meaning "refined" or "purified," is the antonym of prakrita, meaning "natural," or "vulgar." It is made up of the primordial sounds, and is developed systematically to include the natural progressions of sounds as created in the human mouth. Jawaharlal Nehru has said that Sanskrit is a language amazingly rich, efflorescent, full of luxuriant growth of all kinds, and yet precise and strictly keeping within the framework of grammar which Panini laid down two thousand years ago. It spread out, added to its richness, became fuller and more ornate, but always it stuck to its original roots. The ancient Indians attached a great deal of importance to sound, and hence their writing, poetry or prose, had a rhythmic and musical quality. Our modern languages of India are children of Sanskrit, and to it owe most of their vocabulary and their forms of expressions. 

देवभाषा संस्कृत का उपहास करने वाले मंदबुद्धि मूर्खों को विशेषतः समर्पित :

संस्कृत के बारे में आज की पीढ़ी के लिए आश्चर्यजनक तथ्य -
------------------------------------------------------------
1. कंप्यूटर में इस्तेमाल के लिए सबसे अच्छी भाषा।
संदर्भ: फोर्ब्स पत्रिका 1987

2. सबसे अच्छे प्रकार का कैलेंडर जो इस्तेमाल किया जा रहा है, हिंदू कैलेंडर है (जिसमें नया साल सौर प्रणाली के भूवैज्ञानिक परिवर्तन के साथ शुरू होता है)
संदर्भ: जर्मन स्टेट यूनिवर्सिटी

3. दवा के लिए सबसे उपयोगी भाषा अर्थात संस्कृत में बात करने से व्यक्ति स्वस्थ और बीपी, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल आदि जैसे रोग से मुक्त हो जाएगा। संस्कृत में बात करने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश(Positive Charges) के साथ सक्रिय हो जाता है।
संदर्भ: अमेरीकन हिन्दू यूनिवर्सिटी (शोध के बाद)

4. संस्कृत वह भाषा है जो अपनी पुस्तकों वेद, उपनिषदों, श्रुति, स्मृति, पुराणों, महाभारत, रामायण आदि में सबसे उन्नत प्रौद्योगिकी(Technology) रखती है।
संदर्भ: रशियन स्टेट यूनिवर्सिटी, नासा आदि

(नासा के पास 60,000 ताड़ के पत्ते की पांडुलिपियों है जो वे अध्ययन का उपयोग कर रहे हैं)
(असत्यापित रिपोर्ट का कहना है कि रूसी, जर्मन, जापानी, अमेरिकी सक्रिय रूप से हमारी पवित्र पुस्तकों से नई चीजों पर शोध कर रहे हैं और उन्हें वापस दुनिया के सामने अपने नाम से रख रहे हैं। दुनिया के 17 देशों में एक या अधिक संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत के बारे में अध्ययन और नई प्रौद्योगिकी प्राप्तकरने के लिए है, लेकिन संस्कृत को समर्पित उसके वास्तविक अध्ययन के लिए एक भी संस्कृत विश्वविद्यालय इंडिया (भारत) में नहीं है।

5. दुनिया की सभी भाषाओं की माँ संस्कृत है। सभी भाषाएँ (97%) प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस भाषा से प्रभावित है।
संदर्भ: यूएनओ

6. नासा वैज्ञानिक द्वारा एक रिपोर्ट है कि अमेरिका 6 और 7 वीं पीढ़ी के सुपर कंप्यूटर संस्कृत भाषा पर आधारित बना रहा है जिससे सुपर कंप्यूटर अपनी अधिकतम सीमा तक उपयोग किया जा सके।
परियोजना की समय सीमा 2025 (6 पीढ़ी के लिए) और 2034 (7 वीं पीढ़ी के लिए) है, इसके बाद दुनिया भर में संस्कृत सीखने के लिए एक भाषा क्रांति होगी।

7. दुनिया में अनुवाद के उद्देश्य के लिए उपलब्ध सबसे अच्छी भाषा संस्कृत है।
संदर्भ: फोर्ब्स पत्रिका 1985

8. संस्कृत भाषा वर्तमान में "उन्नत किर्लियन फोटोग्राफी" तकनीक में इस्तेमाल की जा रही है। (वर्तमान में, उन्नत किर्लियन फोटोग्राफी तकनीक सिर्फ रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में ही मौजूद हैं। भारत के पास आज "सरल किर्लियन फोटोग्राफी" भी नहीं है )

9. अमेरिका, रूस, स्वीडन, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान और ऑस्ट्रिया वर्तमान में भरतनाट्यम और नटराज के महत्व के बारे में शोध कर रहे हैं। (नटराज शिव जी का कॉस्मिक नृत्य है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने शिव या नटराज की एक मूर्ति है )

10. ब्रिटेन वर्तमान में हमारे श्री चक्र पर आधारित एक रक्षा प्रणाली पर शोध कर रहा है।
------------------------------------------------------------------------
"सनातन सिंहनाद" का नजरिया :-
लेकिन यहाँ यह बात अवश्य सोचने की है,की आज जहाँ पूरे विश्व में संस्कृत पर शोध चल रहे हैं,रिसर्च हो रहीं हैं वहीँ हमारे देश के लुच्चे नेता संस्कृत को मृत भाषा बताने में बाज नहीं आ रहे हैं अभी ३ वर्ष पहले हमारा एक केन्द्रीय मंत्री बी. एच .यू . में गया था तब उसने वहां पर संस्कृत को मृत भाषा बताया था. यह बात कहकर वह अपनी माँ को गाली दे गया, और ये वही लोग हैं जो भारत की संस्कृति को समाप्त करने के लिए यहाँ की जनता पर अंग्रेजी और उर्दू को जबरदस्ती थोप रहे हैं. 
आज जहाँ पुरे विश्व में संस्कृत का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से डंका बज रहा है. वहीं आर्यवर्त भारत में संस्कृत की स्थिति दयनीय बनी हुई है. हिन्दुओं को आपातकालीन कदम उठाते हुए संकृत को पुनः उसके गौरवमयी पद पर विराजमान करना चाहिए. इसकी शुरुवात उत्तराखंड राज्य ने की है, देवभाषा संस्कृत को उर्दू के समक्ष प्राथमिकता देते हुए अपनी द्वितीय राजभाषा घोषित करके. दुसरे राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.

The Sanskrit grammarians wished to construct a perfect language, which would belong to no one and thus belong to all, which would not develop but remain an ideal instrument of communication and culture for all peoples and all time. 

Sanskrit (meaning "cultured or refined"), the classical language of Hinduism, is the oldest and the most systematic language in the world. The vastness and the versatility, and power of expression can be appreciated by the fact that this language has 65 words to describe various forms of earth, 67 words for water, and over 250 words to describe rainfall. 

Sanskrit was a complete success and became the language of all cultured people in India and in countries under Indian influence. All scientific, philosophical, historical works were henceforth written in Sanskrit, and important texts existing in other languages were translated and adapted into Sanskrit. For this reason, very few ancient literary, religious, or philosophical documents exits in India in other languages. The sheer volume of Sanskrit literature is immense, and it remains largely unexplored. 

Did you know that Sanskrit is the world’s oldest systematic language?

The word sanskrita, meaning "refined" or "purified," is the antonym of prakrita, meaning "natural," or "vulgar." It is made up of the primordial sounds, and is developed systematically to include the natural progressions of sounds as created in the human mouth. Sanskrit was considered as "Dev Bhasha", "Devavani" or the language of the Gods by ancient Indians. There are 54 letters in the Sanskrit alphabet. Each has masculine and feminine, shiva and shakti. 54 times 2 is 108.

Mother of all Higher Languages

The Sanskrit language has helped shape many European languages including French, German, Russian, and English. It shows many ancient forms of words such as father, through, shampoo, trigonometry, and mouse, while guru, pundit, dharma, bandh, and yoga are among hundreds of Sanskrit words that can now be found in the Oxford dictionary.

Earliest and only known Modern Language

Panini (c 400BC), in his Astadhyayi, gave formal production rules and definitions to describe Sanskrit grammar. Starting with about 1700 fundamental elements, like nouns, verbs, vowels and consonents, he put them into classes. The construction of sentences, compound nouns etc. was explained as ordered rules operating on underlying fundamental structures. This is exactly in congruence with the fundamental notion of using terminals, non-terminals and production rules of moderm day Computer Science. On the basis of just under 4,000 sutras (rules expressed as aphorisms), he built virtually the whole structure of the Sanskrit language. He used a notation precisely as powerful as the Backus normal form, an algebraic notation used in Computer Science to represent numerical and other patterns by letters.

It is my contention that because of the scientific nature of the method of pronunciation of the vowels and consonants in the Indian languages (specially those coming directly from Pali, Prakit and Sanskrit), every part of the mouth is exercised during speaking. This results into speakers of Indian languages being able to pronounce words from any language. This is unlike the case with say native English speakers, as their tongue becomes unused to being able to touch certain portions of the mouth during pronunciation, thus giving the speakers a hard time to speak certain words from a language not sharing a common ancestry with English. I am not aware of any theory in these lines, but I would like to know if there is one.

No comments:

Post a Comment